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What rights do people have in the Constitution of India when government makes mistake in taking a particular decision?

 What rights do people have in the Constitution of India when government makes mistake in taking a particular decision?

सरकार के गलत निर्णयों के खिलाफ लोगों को संविधान में क्या अधिकार दिए गए हैं?  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लेख है अतः वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अन्तर्गत यह स्पष्ट किया गया है कि हम अपने विचारों को किसी के सामने रख सकते हैं किसी भी माध्यम से अर्थात प्रेस, लेख , किताब लिखकर आदि। और हम सरकार और किसी के भी प्रति अपनी नाराज़गी को व्यक्त कर सकते हैं हमारे पास उनकी नीतियों का विरोध करने का अधिकार है सरकार के गलत निर्णय का विरोध करने का अधिकार है इसके लिए संगठन बनाकर वा सामुहिक रूप से बिना हथियार के एकत्रित होकर देश में कहीं भी हड़ताल की जा सकती है। परंतु अनुच्छेद 19 (b) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ रोक या निर्बाध  सामिल कीये गये है जिनके तहत आंदोलन में राष्ट्र के विरुद्ध हिंसात्मक गतिविधियां सामिल नहीं होनी चाहिए अन्यथा देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा सकता है। वा इसे नारे भी नहीं लगाये जाने चाहिए  जिससे की व्यापक हिंसा हो जाये , फिर भी राष्ट्र द्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।  इसे कार्य भी नहीं किए जाने चाहिए जिससे कि किसी के स्वाभिमान पर चोट पहुंचे , नहीं तो मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।  इन सावधानियों को बरतते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जा सकता है उनकी नीतियों का विरोध किया जाता है। तथा निर्णयों को वापस लेने की मांग की जा सकती है।



सरकार के गलत निर्णयों के खिलाफ लोगों को संविधान में क्या अधिकार दिए गए हैं?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लेख है अतः वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अन्तर्गत यह स्पष्ट किया गया है कि हम अपने विचारों को किसी के सामने रख सकते हैं किसी भी माध्यम से अर्थात प्रेस, लेख , किताब लिखकर आदि। और हम सरकार और किसी के भी प्रति अपनी नाराज़गी को व्यक्त कर सकते हैं हमारे पास उनकी नीतियों का विरोध करने का अधिकार है सरकार के गलत निर्णय का विरोध करने का अधिकार है इसके लिए संगठन बनाकर वा सामुहिक रूप से बिना हथियार के एकत्रित होकर देश में कहीं भी हड़ताल की जा सकती है।
परंतु अनुच्छेद 19 (b) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ रोक या निर्बाध  सामिल कीये गये है जिनके तहत आंदोलन में राष्ट्र के विरुद्ध हिंसात्मक गतिविधियां सामिल नहीं होनी चाहिए अन्यथा देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा सकता है। वा इसे नारे भी नहीं लगाये जाने चाहिए 
जिससे की व्यापक हिंसा हो जाये , फिर भी राष्ट्र द्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। 
इसे कार्य भी नहीं किए जाने चाहिए जिससे कि किसी के स्वाभिमान पर चोट पहुंचे , नहीं तो मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।

इन सावधानियों को बरतते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जा सकता है उनकी नीतियों का विरोध किया जाता है। तथा निर्णयों को वापस लेने की मांग की जा सकती है।

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